भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्धक्षेत्र में अर्जुन के जीवन पर गहरा प्रभाव डाला। जब अर्जुन कुरुक्षेत्र के मैदान में खड़े होकर अपने ही संबंधियों और गुरुओं के खिलाफ युद्ध करने में संकोच कर रहे थे, तब श्रीकृष्ण ने उन्हें भगवद्गीता का उपदेश दिया। श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सिखाया कि धर्म और कर्तव्य का पालन करना सबसे महत्वपूर्ण है, और उसे अपने कर्मों के फल की चिंता किए बिना अपने धर्म का पालन करना चाहिए। उन्होंने अर्जुन को बताया कि आत्मा अमर है और मृत्यु केवल शरीर का त्याग है, जिससे अर्जुन का मोह भंग हुआ और उन्होंने युद्ध करने का साहस पाया।
श्रीकृष्ण की शिक्षाओं ने अर्जुन को मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाया। उन्होंने अर्जुन को कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग का मार्ग दिखाया, जिससे अर्जुन को अपने संदेहों और द्वंद्वों को दूर करने में मदद मिली। श्रीकृष्ण के मार्गदर्शन के बाद, अर्जुन ने अपने सभी भ्रमों को त्याग दिया और धर्म के मार्ग पर चलकर युद्ध करने का निश्चय किया। इस प्रकार, श्रीकृष्ण ने न केवल अर्जुन को उनके कर्तव्य का बोध कराया, बल्कि उन्हें एक उच्चतर सत्य की ओर भी प्रेरित किया, जो आज भी मानवता के लिए मार्गदर्शक है।
कर्म किए जा, फल की चिंता मत कर।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
जो हुआ, वह अच्छे के लिए हुआ। जो हो रहा है, वह अच्छे के लिए हो रहा है। जो होगा, वह भी अच्छे के लिए होगा।
मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है। जैसा वह विश्वास करता है, वैसा वह बन जाता है।
अपनी आत्मा के प्रति सच्चे बनो और अपने कर्तव्यों का पालन करो।
सभी धर्मों को छोड़ दो और सिर्फ मेरी शरण में आओ। मैं तुम्हारे सभी पापों से तुम्हें मुक्त कर दूंगा।
जो व्यक्ति मुझमें पूरी तरह समर्पित हो जाता है, उसे मैं हर संकट से निकालता हूँ।
जो व्यक्ति अपने कर्मों के फल की इच्छा नहीं करता, वही सच्चा योगी है।
संसार में कोई भी स्थायी नहीं है, यहाँ सब कुछ बदलता रहता है।
अहंकार मत करो, अहंकार तुम्हारी बर्बादी का कारण बन सकता है।
जो अपने मन को जीत लेता है, वह सारे संसार को जीत लेता है।
दुखों से घबराने वाला व्यक्ति कभी सुख नहीं पा सकता।
जो अपने कर्मों के फल की चिंता नहीं करता, वही सच्चा साधक है।
जो व्यक्ति अपने सभी इच्छाओं को त्याग देता है, वह सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
अपने कर्म पर ध्यान दो, फल की चिंता मत करो।
जो व्यक्ति सभी जीवों में मुझे देखता है और सभी जीवों को मुझमें देखता है, वह कभी मुझे नहीं खोता और मैं भी उसे कभी नहीं खोता।
जो व्यक्ति अपने धर्म का पालन करता है, वही सच्चा भक्त है।
संसार की सभी चीज़ें अस्थायी हैं, सिर्फ आत्मा अमर है।
सच्चा योगी वही है जो अपने मन और इंद्रियों पर नियंत्रण रखता है।
जो व्यक्ति क्रोध पर काबू पा लेता है, वही सच्चा योद्धा है।
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित नहीं कर सकता, वह स्वयं का शत्रु बन जाता है।
जो व्यक्ति अपने इंद्रियों को नियंत्रित कर लेता है, वह सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
प्रेम ही जीवन का सबसे बड़ा सत्य है।
जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मत डरो, वे तुम्हें मजबूत बनाने के लिए आती हैं।
जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
सभी धर्मों का सार यह है कि दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करो जैसा तुम चाहते हो कि वे तुम्हारे साथ करें।
मनुष्य को अपने कर्मों का फल अवश्य मिलता है।
जो व्यक्ति अपने धर्म का पालन करता है, वह कभी असफल नहीं होता।
सच्ची भक्ति वही है जिसमें व्यक्ति अपने अहंकार को त्याग देता है।
जो व्यक्ति सभी प्राणियों में ईश्वर को देखता है, वही सच्चा ज्ञानी है।
जो व्यक्ति अपने मन को शांत रखता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल ईश्वर को समर्पित कर देता है, वही सच्चा भक्त है।
जीवन में सभी को समान दृष्टि से देखो, यही सच्चा ज्ञान है।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल नहीं चाहता, वही सच्चा साधक है।
जीवन में सब कुछ अस्थायी है, सिर्फ ईश्वर ही स्थायी है।
सत्य की राह पर चलो, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो।
जो व्यक्ति अपने मन को जीत लेता है, वह सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से ईर्ष्या मत करो, ईर्ष्या तुम्हें बर्बाद कर देगी।
जो व्यक्ति अपने इंद्रियों को नियंत्रित करता है, वही सच्चा योगी है।
जो व्यक्ति सभी प्राणियों के प्रति दया भाव रखता है, वही सच्चा भक्त है।
जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है, उसे कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल भगवान को समर्पित कर देता है, वह सच्चा योगी है।
जीवन में आने वाली कठिनाइयों को स्वीकार करो, वे तुम्हें मजबूत बनाएंगी।
सच्ची भक्ति वही है जिसमें व्यक्ति अपने अहंकार को पूरी तरह से त्याग देता है।
जो व्यक्ति अपने मन को शांत रखता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से द्वेष मत करो, द्वेष तुम्हें बर्बाद कर देगा।
सत्य के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति को कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल नहीं चाहता, वही सच्चा साधक है।
जीवन में सब कुछ अस्थायी है, सिर्फ आत्मा ही अमर है।
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जो व्यक्ति सभी प्राणियों में भगवान को देखता है, वही सच्चा ज्ञानी है।
जो व्यक्ति अपने इंद्रियों को नियंत्रित कर लेता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से ईर्ष्या मत करो, ईर्ष्या तुम्हें बर्बाद कर देगी।
जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है, उसे कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल भगवान को समर्पित कर देता है, वही सच्चा योगी है।
जीवन में आने वाली कठिनाइयों से घबराओ मत, वे तुम्हें मजबूत बनाएंगी।
सच्ची भक्ति वही है जिसमें व्यक्ति अपने अहंकार को पूरी तरह से त्याग देता है।
जो व्यक्ति अपने मन को शांत रखता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से द्वेष मत करो, द्वेष तुम्हें बर्बाद कर देगा।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल नहीं चाहता, वही सच्चा साधक है।
जीवन में सब कुछ अस्थायी है, सिर्फ आत्मा ही अमर है।
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जो व्यक्ति सभी प्राणियों में भगवान को देखता है, वही सच्चा ज्ञानी है।
जो व्यक्ति अपने इंद्रियों को नियंत्रित कर लेता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से ईर्ष्या मत करो, ईर्ष्या तुम्हें बर्बाद कर देगी।
सत्य के मार्ग पर चलो, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो।
जो व्यक्ति अपने मन को जीत लेता है, वह सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से द्वेष मत करो, द्वेष तुम्हें बर्बाद कर देगा।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल भगवान को समर्पित कर देता है, वही सच्चा योगी है।
जीवन में आने वाली कठिनाइयों को स्वीकार करो, वे तुम्हें मजबूत बनाएंगी।
सच्ची भक्ति वही है जिसमें व्यक्ति अपने अहंकार को पूरी तरह से त्याग देता है।
जो व्यक्ति अपने मन को शांत रखता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से द्वेष मत करो, द्वेष तुम्हें बर्बाद कर देगा।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल नहीं चाहता, वही सच्चा साधक है।
जीवन में सब कुछ अस्थायी है, सिर्फ आत्मा ही अमर है।
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जो व्यक्ति सभी प्राणियों में भगवान को देखता है, वही सच्चा ज्ञानी है।
जो व्यक्ति अपने इंद्रियों को नियंत्रित कर लेता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
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जो व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है, उसे कभी हार का सामना नहीं करना पड़ता।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल भगवान को समर्पित कर देता है, वही सच्चा योगी है।
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सच्ची भक्ति वही है जिसमें व्यक्ति अपने अहंकार को पूरी तरह से त्याग देता है।
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जीवन में सब कुछ अस्थायी है, सिर्फ आत्मा ही अमर है।
जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रित कर लेता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जो व्यक्ति सभी प्राणियों में भगवान को देखता है, वही सच्चा ज्ञानी है।
जो व्यक्ति अपने इंद्रियों को नियंत्रित कर लेता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से ईर्ष्या मत करो, ईर्ष्या तुम्हें बर्बाद कर देगी।
सत्य के मार्ग पर चलो, चाहे वह कितना भी कठिन क्यों न हो।
जो व्यक्ति अपने मन को जीत लेता है, वह सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से द्वेष मत करो, द्वेष तुम्हें बर्बाद कर देगा।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल भगवान को समर्पित कर देता है, वही सच्चा योगी है।
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सच्ची भक्ति वही है जिसमें व्यक्ति अपने अहंकार को पूरी तरह से त्याग देता है।
जो व्यक्ति अपने मन को शांत रखता है, वही सच्चे सुख को प्राप्त करता है।
जीवन में किसी से द्वेष मत करो, द्वेष तुम्हें बर्बाद कर देगा।
जो व्यक्ति अपने कर्मों का फल नहीं चाहता, वही सच्चा साधक है।
These quotes reflect the teachings and wisdom of Lord Shri Krishna, focusing on karma, dharma, and living a righteous and fulfilling life.